दुश्मनों को सज़ा देने की एक तहज़ीब है मेरी,
मैं हाथ नहीं उठाता बस नज़रों से गिरा देता हूँ।
Dusmano Ko Sajaa Dene Ki Ek Tehjeeb Hai Meri,
Main Haath Nhi Uthata Bs Najro Se Gira Deta Hu.
मैं हाथ नहीं उठाता बस नज़रों से गिरा देता हूँ।
Dusmano Ko Sajaa Dene Ki Ek Tehjeeb Hai Meri,
Main Haath Nhi Uthata Bs Najro Se Gira Deta Hu.
सूरज ढला तो कद से ऊँचे हो गए साये,
कभी पैरों से रौंदी थी यहीं परछाइयां हमने।
Sooraj Dhala Toh Kad Se Unche Ho Gaye Saaye,
Kabhi Pairo Se Raundi Thi Yehi Parchhaiyan Humne.
डरते नहीं हम सबको डरा देते हैं,
अच्छे-अच्छों को सबक सिखा देते हैं,
हम जहाँ कहीं भी रहते हैं...
अपनी दरियादिली दिखा देते हैं।
Darte Nahi Hum Sabko Daraa Dete Hain,
Acho-Acho Ko Sabak Sikha Dete Hain,
Hum Jahan Kahin Bhi Rahte Hain...
Apni Dariyadilli Dikha Dete Hain.
कभी ना कभी, किसी ना किसी मोड़ पर वो मिलेगी..
जो हमारी फोटो को अपना वालपेपर बनायेगी।
Kabhi Na Kabhi, Kisi Na Kisi Mod Par Vo Milegi..
To Humaari Photo Ko Apna Wallpaper Banayegi.
इतना Attitude न दिखा जिंदगी में,
तकदीर बदलती रहती है।
शीशा वहीं रहता है,
पर तस्वीर बदलती रहती है।
Itna Attitude Na Dikha Zindgi Me,
Taqdeer Badlti Rehti Hai.
Shisha Vahi Rehta Hai,
Par Tasveer Badalti Rehti Hai.
हम ना बदलेंगे,
वक्त की रफ्तार के साथ...
जब भी मिलेंगे,
अंदाज़ पुराना होगा…
Hum Na Badlenge,
Waqt Ki Raftaar Ke Saath...
Jab Bhi Milenge,
Andaaz Puraana Hoga...
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